हर महीने की शुरुआत के साथ ही हर घर में एक ही चर्चा होती है कि इस बार गैस सिलेंडर सस्ता हुआ या महंगा। रसोई का बजट अब सिर्फ दाल सब्जी तक सीमित नहीं रह गया है बल्कि एलपीजी गैस की कीमतें भी आम आदमी की जेब पर सीधा असर डालती हैं। दिसंबर 2025 में गैस सिलेंडर प्राइस अपडेट को लेकर लोगों के लिए राहत और चिंता दोनों तरह की खबरें सामने आई हैं। जहां घरेलू गैस सिलेंडर के दाम स्थिर बने हुए हैं वहीं व्यावसायिक सिलेंडर की कीमतों में हलचल देखने को मिल रही है।
आज देश के प्रमुख शहरों में घरेलू गैस का रेट
आज देश के अलग अलग शहरों में घरेलू एलपीजी गैस सिलेंडर की कीमतों में ज्यादा बदलाव नहीं हुआ है। मुंबई में 14.2 किलो घरेलू गैस सिलेंडर का भाव लगभग 852.50 रुपये दर्ज किया गया है। दिल्ली में यही सिलेंडर 853 रुपये में मिल रहा है। चेन्नई में घरेलू गैस सिलेंडर की कीमत करीब 868.50 रुपये है। कोलकाता में इसका रेट 879 रुपये और लखनऊ में लगभग 890.50 रुपये दर्ज किया गया है। पिछले कुछ महीनों से घरेलू गैस के दाम स्थिर बने हुए हैं जिससे आम परिवारों को थोड़ी राहत जरूर मिली है।
व्यावसायिक गैस सिलेंडर के दामों में बदलाव
जहां घरेलू उपभोक्ताओं को राहत मिली है वहीं व्यावसायिक गैस सिलेंडर की कीमतों ने कारोबारियों की चिंता बढ़ा दी है। दिल्ली में 19 किलो वाले कमर्शियल गैस सिलेंडर का भाव बढ़कर करीब 1595.50 रुपये हो गया है। इसमें हाल ही में लगभग 15.50 रुपये की बढ़ोतरी देखी गई है। पटना और हैदराबाद जैसे शहरों में व्यावसायिक सिलेंडर की कीमत 1800 रुपये के पार पहुंच चुकी है। होटल ढाबा और छोटे व्यापारियों पर इसका सीधा असर पड़ रहा है। व्यावसायिक सिलेंडर के दाम अंतरराष्ट्रीय बाजार के उतार चढ़ाव से ज्यादा प्रभावित होते हैं।
बढ़ती कीमतों का आम लोगों पर असर
जब भी गैस सिलेंडर के दाम बढ़ते हैं तो सबसे पहले असर रसोई के बजट पर पड़ता है। मध्यम और गरीब परिवारों को महीने का खर्च संभालना मुश्किल हो जाता है। सरकार द्वारा दी जाने वाली एलपीजी सब्सिडी कुछ राहत जरूर देती है। यह सब्सिडी सीधे उपभोक्ताओं के बैंक खाते में भेजी जाती है। हालांकि सब्सिडी की राशि हर महीने एक जैसी नहीं रहती है। अंतरराष्ट्रीय गैस कीमत और डॉलर के मुकाबले रुपये की स्थिति इसका बड़ा कारण होती है।
कीमत तय होने के पीछे क्या कारण होते हैं
एलपीजी गैस सिलेंडर की कीमत कई कारकों पर निर्भर करती है। सबसे बड़ा कारण अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल और गैस की कीमतें होती हैं। इसके अलावा डॉलर के मुकाबले भारतीय रुपये की स्थिति भी अहम भूमिका निभाती है। तेल कंपनियों की लागत और सरकार की नीति भी गैस के दाम तय करती है। त्योहारों और चुनावी समय में सरकार आम लोगों को राहत देने की कोशिश करती है। इसी वजह से कई बार घरेलू गैस के दाम स्थिर रखे जाते हैं।