सुबह रसोई में चाय बनाते वक्त सबसे पहले जो ख्याल आता है वह यही होता है कि गैस सिलेंडर कितना बचा है और नया सिलेंडर कितने में आएगा। आज के समय में एलपीजी हर घर की जरूरत बन चुका है और इसकी कीमत सीधे परिवार के बजट से जुड़ी होती है। इसी वजह से लोग हर महीने एलपीजी के नए रेट जानने को लेकर उत्सुक रहते हैं। 21 दिसंबर 2025 को घरेलू एलपीजी सिलेंडर की कीमत में कोई बदलाव नहीं हुआ है और यह खबर आम लोगों के लिए थोड़ी राहत लेकर आई है।
एलपीजी कीमत आज का ताजा अपडेट
आज भारत में 14.2 किलो वाले घरेलू एलपीजी सिलेंडर की कीमत मुंबई में 852.50 रुपये बनी हुई है। अप्रैल 2025 से अब तक इसमें कोई बदलाव नहीं किया गया है। बीते एक साल के ट्रेंड को देखें तो जनवरी 2025 से दिसंबर 2025 के बीच कुल 50 रुपये की बढ़ोतरी दर्ज की गई थी। सबसे बड़ा इजाफा अप्रैल 2025 में हुआ था जब एक साथ 50 रुपये बढ़ाए गए थे। इसके बाद से कीमतें स्थिर बनी हुई हैं जिससे घरेलू उपभोक्ताओं को थोड़ी राहत मिली है।
शहरों में एलपीजी सिलेंडर का भाव
देश के बड़े शहरों में एलपीजी के दाम लगभग एक जैसे नजर आ रहे हैं। दिल्ली में घरेलू सिलेंडर 853 रुपये में मिल रहा है। मुंबई में यह 852.50 रुपये का है। कोलकाता में कीमत 879 रुपये और चेन्नई में 868.50 रुपये बनी हुई है। हैदराबाद जैसे शहरों में यह थोड़ा महंगा है जहां कीमत 905 रुपये तक पहुंच गई है। इन दामों में राज्य के टैक्स और ट्रांसपोर्ट लागत का असर साफ दिखाई देता है।
राज्यों में एलपीजी कीमतों का हाल
राज्य स्तर पर एलपीजी की कीमतों में अंतर और ज्यादा देखने को मिलता है। बिहार और उत्तर प्रदेश जैसे राज्यों में घरेलू सिलेंडर की कीमत 890 से 940 रुपये के बीच है। पूर्वोत्तर राज्यों में यह सबसे ज्यादा है जहां मणिपुर मिजोरम और त्रिपुरा में कीमत 1000 रुपये से ऊपर पहुंच जाती है। दूसरी ओर महाराष्ट्र और गुजरात जैसे राज्यों में कीमतें अपेक्षाकृत कम हैं। यह अंतर सप्लाई चेन और भौगोलिक परिस्थितियों की वजह से होता है।
कमर्शियल एलपीजी सिलेंडर की स्थिति
घरेलू सिलेंडर की कीमत स्थिर रहने के बावजूद 19 किलो वाले कमर्शियल एलपीजी सिलेंडर के दामों में हाल के महीनों में कटौती देखी गई है। दिसंबर 2025 में कई शहरों में कमर्शियल सिलेंडर 10 से 11 रुपये तक सस्ता हुआ है। इससे होटल ढाबा और छोटे कारोबारियों को थोड़ी राहत मिली है। हालांकि बीते महीनों में इनमें कई बार बढ़ोतरी भी की गई थी जिसका असर खाने पीने की चीजों की कीमतों पर पड़ा था।
एलपीजी सब्सिडी और आम आदमी पर असर
सरकार की ओर से घरेलू एलपीजी पर सब्सिडी दी जा रही है जो सीधे उपभोक्ता के बैंक खाते में ट्रांसफर होती है। यह सब्सिडी हर महीने अंतरराष्ट्रीय बाजार और डॉलर के मुकाबले रुपये की स्थिति पर निर्भर करती है। बढ़ती महंगाई के दौर में स्थिर एलपीजी कीमतें मध्यम वर्ग और गरीब परिवारों के लिए राहत की खबर हैं। रसोई का खर्च काबू में रहता है और महीने का बजट थोड़ा संतुलित हो पाता हैl