अक्सर मन में यह विचार आता है कि जब अधिक धन होगा, तभी निवेश आरंभ करेंगे। परंतु वास्तविकता यह है कि सही समय और नियमित आदत ही आर्थिक प्रगति की सबसे बड़ी शक्ति होती है। एसआईपी अर्थात् सिस्टमैटिक इन्वेस्टमेंट प्लान सामान्य व्यक्ति के लिए ऐसा माध्यम है, जिसके द्वारा छोटी-छोटी बचत भविष्य में बड़ा सहारा बन सकती है। यदि आप प्रतिमाह केवल 1800 रुपये का निवेश करते हैं, तो दस वर्षों के बाद इसका परिणाम आपको आश्चर्यचकित कर सकता है। यह लेख आपको सरल शब्दों में समझाएगा कि एसआईपी 1800 रुपये से निवेश का क्या अर्थ है और यह आपके भविष्य को कैसे सुरक्षित बना सकता है।
एसआईपी 1800 रुपये से निवेश क्या है
एसआईपी का अर्थ है नियमित अंतराल पर निवेश करना। इसके अंतर्गत आप प्रत्येक माह एक निश्चित राशि म्यूचुअल फंड में निवेश करते हैं। एसआईपी 1800 रुपये से निवेश विशेष रूप से उन लोगों के लिए उपयोगी है, जो एकमुश्त बड़ी राशि निवेश करने में सक्षम नहीं होते। इस प्रकार का निवेश अनुशासन सिखाता है और बाजार के उतार-चढ़ाव के प्रभाव को भी कम करता है। हर माह निवेश करने से कभी कम मूल्य पर इकाइयाँ खरीदी जाती हैं और कभी अधिक मूल्य पर, जिससे दीर्घकाल में औसत लागत का लाभ मिलता है और निवेश अधिक सुदृढ़ बनता है।
दस वर्षों में कुल निवेश और संभावित राशि
यदि आप एसआईपी 1800 रुपये से निवेश आरंभ करते हैं और इसे लगातार दस वर्षों तक जारी रखते हैं, तो आपका कुल निवेश लगभग दो लाख सोलह हजार रुपये होता है। प्रथम दृष्टि में यह राशि छोटी प्रतीत हो सकती है, किंतु समय के साथ इसका प्रभाव निरंतर बढ़ता जाता है। यदि म्यूचुअल फंड में बारह से पंद्रह प्रतिशत तक का वार्षिक प्रतिफल प्राप्त होता है, तो यह निवेश आपको संतोषजनक लाभ प्रदान कर सकता है। समय के साथ धन धीरे-धीरे बढ़ता है और अंतिम वर्षों में इसकी वृद्धि अपेक्षाकृत तेज़ हो जाती है।
प्रतिफल का अनुमान और वास्तविक चित्र
बाजार में प्रतिफल सदैव समान नहीं रहता। कभी यह अधिक होता है, तो कभी कम। यदि एसआईपी 1800 रुपये से निवेश पर बारह प्रतिशत वार्षिक प्रतिफल माना जाए, तो दस वर्षों के पश्चात लगभग एक लाख पच्चीस हजार रुपये का लाभ संभव है। इस प्रकार कुल राशि लगभग तीन लाख इकतालीस हजार रुपये तक पहुँच सकती है। वहीं यदि प्रतिफल पंद्रह प्रतिशत के आसपास रहता है, तो लाभ लगभग दो लाख सत्तावन हजार रुपये हो सकता है और कुल राशि लगभग चार लाख तिहत्तर हजार रुपये तक पहुँच सकती है। ये आँकड़े केवल अनुमान हैं, किंतु यह दर्शाते हैं कि एसआईपी में कितनी बड़ी क्षमता निहित है।
चक्रवृद्धि का प्रभाव और समय का महत्व
चक्रवृद्धि का अर्थ है कि धन स्वयं धन अर्जित करता है। एसआईपी 1800 रुपये से निवेश में प्रारंभिक वर्षों में वृद्धि धीमी प्रतीत हो सकती है, किंतु समय के साथ यही वृद्धि तीव्र हो जाती है। जैसे-जैसे आपका निवेश बढ़ता है, उस पर मिलने वाला प्रतिफल भी अधिक होने लगता है। इसलिए एसआईपी में धैर्य और निरंतरता अत्यंत आवश्यक है। जो निवेशक बीच में ही निवेश रोक देते हैं, वे चक्रवृद्धि के वास्तविक लाभ से वंचित रह जाते हैं।